राजस्थान जिसके नाम में ही राज शामिल है तो उसकी भूमि भला राजाओं के शाही अंदाज से कैसे बैर कर सकती है? अर्थात् राजस्थान राजाओं की भूमि है जिसके कण-कण में आपको राजाओं का इतिहास और गाथाएं अवश्य मिलेंगी|
बात हो अलवर की संस्कृति को करीब से जानने के लिए राजस्थान की भूमि में होने वाले अलवर महोत्सव की या बात हो जोधपुर में आयोजित होने वाले चामुंडा माता मेले की, सभी राजस्थान की संस्कृति को अवश्य दर्शाते हैं| तो ऐसे में इस सांस्कृतिक राज्य के बारे में जानने के लिए राजस्थान में घूमने की जगह पर चर्चा तो बनती है|
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अभी तक हम हमारी राजस्थान यात्रा में अजमेर डिवीजन, भरतपुर डिवीजन, कोटा डिवीजन, उदयपुर डिवीजन तथा जयपुर डिवीजन के अंतर्गत आने वाली राजस्थान में घूमने की जगह के बारे में बात कर चुके हैं| आज हम इस लेख में जोधपुर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले राजस्थान के पर्यटन स्थल के बारे में बात करेंगे| जोधपुर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले जिले जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा, फलौदी, जालौर, पाली तथा सिरोही है जिनमें से पर्यटन की दृष्टि से हम जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर तथा पाली के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे| तो अपनी राजस्थान यात्रा में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं जोधपुर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से-
जोधपुर डिवीजन : राजस्थान में घूमने की जगह : राजस्थान यात्रा -8: Best Places to Visit in Jodhpur Division
जोधपुर

राजस्थान राज्य के अंतर्गत आने वाला दूसरा सबसे बड़ा शहर जोधपुर जिसे ‘ब्लू सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है| प्राचीन मंदिरों, राजसी महलों तथा भव्य किलों का समावेश किए हुए जोधपुर, ‘थार’ रेगिस्तान के घने परिद्रश्य में स्थित है| जोधपुर, राजस्थान राज्य की अनूठी विरासत और स्वर्णिम इतिहास का आधार बना हुआ है तथा राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है|
जोधपुर की स्थापना राठौर शासकों द्वारा 1459 ई. में की गई थी| अपनी संस्कृति और परंपरा को कायम करे हुए जोधपुर में संगीत कार्यक्रम और पारंपरिक लोक नृत्य का भी आयोजन होता रहता है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है| जोधपुर में त्यौहारों के रंग से लेकर यहाँ के पाक व्यंजन तक सभी कुछ खास होता है जिसकी छवि का अनुभव करने के लिए इस आकर्षक शहर को राजस्थान में घूमने की जगह में शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प है|
जोधपुर में घूमने की जगह-
मेहरानगढ़ किला, रानीसर पदमसर झील, चामुंडा माताजी मंदिर, सरदार सरकारी संग्रहालय, गुडा गाँव, उम्मेद भवन पैलेस, कैलाना झील, सरदार समंद झील और महल, महामंदिर, जसवंत थडा, मचिया जैविक उद्यान, बालसमंद झील, मसुरिया हिल्स तथा मंडलेश्वर महादेव मंदिर आदि जोधपुर में घूमने की प्रमुख जगहें हैं|
जैसलमेर

‘गोल्डन सिटी’ के नाम से मशहूर जैसलमेर में अधिकांश निर्माण कार्य पीले बलुआ पत्थर से किया गया है| राजस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अपने दिल में बसाये हुए जैसलमेर में कई अलंकृत जैन मंदिर तथा एक शाही महल भी है| थार रेगिस्तान के केंद्र में स्थित जैसलमेर किसी समय में “जैसलमेर राज्य” की राजधानी हुआ करता था|
राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से 575 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जैसलमेर, राजस्थान राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर है जहां इतिहास प्रेमियों के लिए कई ऐसे ऐतिहासिक स्थान हैं जो उनकी इतिहास से जुड़ी जिज्ञासा के बारे विस्तृत रूप से जानकारी दे सकते हैं|
जैसलेमर में घूमने की जगह-
सैम सैंड डयून्स, बड़ा बाग, वॉर म्यूजियम, तनोट माता मंदिर, पटवों की हवेली, व्यास छत्री, जैसलमेर का किला, लोंगेवाला, भारत-पाक बॉर्डर तथा गडीसर लेक आदि जैसलमेर के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
बाड़मेर

राजस्थान राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला तथा भारत का पाँचवा सबसे बड़ा जिला बाड़मेर, बाड़मेर जिला का मुख्यालय भी है| बाड़मेर की स्थापना 13वीं शताब्दी में बहाड़ राव ने की थी, जिनके नाम पर इस स्थान का नाम बाड़मेर रखा गया| राजस्थान के ग्रामीण जीवनशैली से रूबरू कराने वाला बाड़मेर, हमेशा ही सैलानियों की पसंद बना रहता है|
‘बाड़मेर महोत्सव’ जो कि बाड़मेर की शान है जिसके कारण इस समय पूरा बाड़मेर रंगों से भर जाता है| इस महोत्सव का आनंद लेने के लिए आप भी मार्च के महीने में इसे अपनी राजस्थान यात्रा में शामिल कर अपनी यात्रा को इन रंगों से भिगो सकते हैं| कभी ऊंटों के द्वारा व्यापार का मार्ग बना यह क्षेत्र शिल्प में निपुण है जिसमें मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की नक्काशी तथा कढ़ाई का काम शामिल हैं|
बाड़मेर में घूमने की जगह-
किराडू मंदिर, जूना किला और मंदिर, बाड़मेर किला और गढ़ मंदिर, श्री नकोड़ा जैन मंदिर, विष्णु मंदिर, चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन मंदिर, सफेद अखाड़ा, रानी भटियानी मंदिर, महाबार रेत के टीले, देवका सूर्य मंदिर तथा वांकल माता मंदिर आदि बाड़मेर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं|
जालौर
प्राचीन समय में जाबालिपुर और जालहुर के नाम से जाना जाने वाला जालौर जिसके ऊतर-पूर्व में पाली, दक्षिण में गुजरात राज्य, दक्षिण-पूर्व में सिरोही तथा उत्तर-पश्चिम में बाड़मेर की सीमा है| महर्षि जाबालि की तपोभूमि जालौर, सुवर्णगिरी पहाड़ी के पूर्वी भाग में स्थित है जिसकी आकृति एक वृहद मछली जैसी है|
साहित्य और संस्कृति का केंद्र बना जालौर प्राचीन समय से ही जैनियों का पवित्र स्थल रहा है| जालौर के जसवंतपुरा में सुंधा माता मंदिर नामक एक दिव्य स्थान है जहां से दुनिया भर से तीर्थयात्री यहाँ आते हैं| विश्व भर में सबसे बेहतरीन ग्रेनाइट का उत्पादन करने वाला जालौर, ग्रेनाइट और भव्यता के शहर रूप में प्रसिद्ध है जिसे राजस्थान यात्रा में शामिल कर आप अपनी यात्रा को ऐतिहासिक के साथ ही साथ धार्मिक अनुभव से भी ओत-प्रोत कर देंगे|
जालौर में घूमने की जगह-
मालिक शाह की मस्जिद, तोपखाना, सुंधा माता मंदिर, जहाज मंदिर, सिरे मंदिर, जालौर वन्यजीव अभयारण्य, जालौर का किला तथा नीलकंठ महादेव मंदिर आदि जालौर के प्रमुख पर्यटन स्थान हैं|
पाली

राजस्थान राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना पाली, औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है| पाली अपने जैन मंदिरों तथा अन्य विस्तृत स्मारकों के माध्यम से अपनी संस्कृति का प्रसार करता है| पाली उत्तर में नागौर, उत्तर-पूर्व में अजमेर, पश्चिम में बाड़मेर तथा दक्षिण में सिरोही से अपनी सीमायें साझा करता है|
जोधपुर से मात्र 66 किलोमीटर (लगभग) की दूरी पर स्थित पाली राजस्थान से जुड़े इतिहास को जानने के लिए तथा व्यापारिक गतिविधियों के लिए बेहतरीन स्थान है जो कि सिंथेटिक सामग्री तथा पाली कपास के प्रसिद्ध निर्यातक के रूप में जाना जाता है|
पाली में घूमने की जगह-
समंद झील, जवाई बांध, रणकपुर बांध, लखोटिया गार्डन, बांगड़ संग्रहालय, रणकपुर जैन मंदिर, निम्बो का नाथ मंदिर, सूर्य मंदिर, ओम बन्ना धाम, परशुराम महादेव मंदिर तथा सोमनाथ मंदिर आदि पाली के प्रसिद्ध स्थान हैं|
इस प्रकार हमारा लेख राजस्थान में घूमने की जगह (राजस्थान यात्रा-6) यहीं पर समाप्त होता है जिसमें हमने राजस्थान के अंतर्गत आने वाले जोधपुर डिवीजन के बारे में उचित जानकारी देने की पूरी कोशिश की है| आशा करते हैं आपको हमारा लेख पसंद आया होगा और आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी को इस लेख के माध्यम से अपने प्रियजनों के साथ भी साझा करेंगे| धन्यवाद| आपकी यात्रा मंगलमय हो|