भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर, प्राचीनता और पवित्रता के संयोजन वाले शहर वाराणसी (बनारस) में गंगा नदी के तट पर स्थित है| भगवान शिव को समर्पित, काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण इंदौर की मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर ने वर्ष 1780 में कराया था तथा इसकी धार्मिकता का उल्लेख महाभारत और उपनिषदों में भी किया गया है|
वाराणसी के हृदय में बसने वाला विश्वनाथ मंदिर, अपनी पूरी भव्यता के साथ यहाँ स्थित है जिसमें बाबा भोलेनाथ, विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हैं जिन्हें विश्वेश्वर की भी संज्ञा दी जाती है| सांस्कृतिक परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतीक बने काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन हेतु गोस्वामी तुलसीदास, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद तथा आदि गुरु शंकराचार्य भी आ चुके हैं|
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काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव विवाह के उपरांत कैलाश पर्वत पर रहते थे जबकि देवी पार्वती अपने पिता के घर पर रहा करती थीं लेकिन विवाह उपरांत पिता के घर पर रहना देवी पार्वती को अच्छा नहीं लग रहा था जिसके कारण देवी पार्वती ने भगवान शिव से उन्हें अपने घर ले जाने का आग्रह किया| शिव जी ने पार्वती जी की बात मानी और उन्हें अपने साथ काशी ले आए और यहाँ पर स्वयं को विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित कर लिया|
काशी विश्वनाथ मंदिर को कब करें प्लान?
अगर मौसम के अनुरूप यहाँ आने की बात की जाए तो सर्दी के मौसम में अर्थात् नवंबर से फरवरी तक का समय बनारस आने के लिए सबसे उपयुक्त है क्योंकि यहाँ गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है|
अगर आप किसी विशेष त्योहार पर यहाँ आना चाहते हैं तो आप बाबा भोलेनाथ की नगरी बनारस में शिवरात्रि या सावन के समय में भी आ सकते हैं| इस समय आपको भारी मात्रा में शिव भक्तों का हुजूम यहाँ मिलेगा| सावन के महीनों में यहाँ सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सावन के महीने में ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है|
काशी विश्वनाथ मंदिर द्वारा चलाई जाने वाली ऑनलाइन सुविधाएं-
सुगम दर्शन- वैसे तो सामान्य दिनों में यहाँ लाइन में लग कर 1-1.5 घंटे में दर्शन किए जा सकते हैं लेकिन अगर किसी कारण वश किसी के पास समय की कमी है या किसी को इन लंबी लाइनों में लगने में किसी प्रकार की असुविधा होती है तो ऐसे लोगों के लिए मंदिर परिसर द्वारा सुगम दर्शन की भी व्यवस्था दी गई है| सुगम दर्शन की सुविधा हेतु आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं| सुगम दर्शन की सुविधा हेतु मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट द्वारा आवेदन किया जा सकता है| यह सभी शुल्क मंदिर ट्रस्ट द्वारा निर्धारित हैं|
आरती
आप मंदिर में दान के माध्यम से आरती भी करा सकते हैं जिसमें सुबह होने वाली मंगला आरती, दोपहर की भोग आरती, सप्तर्षि आरती तथा शाम के समय होने वाली शृंगार भोग आरती शामिल हैं|
लाइव दर्शन
अगर कोई विश्वनाथ मंदिर जाने में सक्षम नहीं है और भगवान के दर्शन करना चाहते हैं तो मंदिर के ट्रस्ट द्वारा लाइव दर्शन की सुविधा भी दी गई है जिसके माध्यम से आप विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के निःशुल्क लाइव दर्शन कर सकते हैं|
मंदिर हेतु दान
अगर आप किसी कारणवश मंदिर नहीं जा पा रहें हैं लेकिन फिर भी बाबा विश्वनाथ के चरणों में कुछ दान अर्पित करना चाहते हैं तो आप मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर दान भी कर सकते हैं|
वी आर दर्शन
अगर आप घर पर बैठ कर 3D VR टेक्नोलॉजी के माध्यम से ऐसे दर्शन करना चाहते हैं जिसमें आपको अनुभव भी हो की आप वहाँ स्वयं उपस्थित होकर दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर रहें हैं तो ऐसे दुर्लभ दर्शन का आनंद लेने के लिए मंदिर परिसर द्वारा दर्शन की सुविधा भी चालू की गई है जिसमें आपको मंगला आरती, भोग आरती, सप्तर्षि आरती, संध्या आरती तथा भोग आरती के भी दर्शन कराए जाते हैं| इसका शुल्क भी मंदिर ट्रस्ट द्वारा निर्धारित है|
रुद्राभिषेक
आप चाहे तो मंदिर में दान के माध्यम से विश्वनाथ मंदिर में शिव जी का रुद्राभिषेक भी करा सकते हैं जिसमें भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करा कर फल-फूल अर्पित करे जाते हैं जिसमें आप अपनी श्रद्धा के अनुसार 1, 5 या 11 शास्त्रियों की मदद से पूजा सम्पन्न करा सकते हैं| अगर आप यहाँ तक आने के लिए सक्षम नहीं है फिर भी रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं तो आप चाहे तो video conference के माध्यम से भी यहाँ के ज्ञानी शास्त्रियों द्वारा पूजा करा कर उसका अहम हिस्सा बन सकते हैं|
नोट- रुद्राभिषेक, वी आर दर्शन, सुगम दर्शन, आरती, या मंदिर में दान के लिए मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर ही बुकिंग करें| सभी पूजा और आरती के शुल्क मंदिर परिसर द्वारा निर्धारित हैं|
मंदिर में दी जाने वाली सुविधाएं-
- मंदिर परिसर में आपके सभी सामान को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की सुविधा दी गई है जहां पर आप अपना सामान रख सकते हैं|
- विकलांग लोगों के लिए मंदिर परिसर द्वारा व्हीलचेयर की सुविधा भी दी गई है जिससे जिन्हें चलने में किसी प्रकार की असुविधा है वह भक्त दर्शन आराम से कर सकते हैं|
- श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के द्वारा मंदिर परिसर में स्थित अन्नक्षेत्र में हर दिन श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के प्रसाद रूपी भोजन की व्यवस्था निःशुल्क कराई जाती है|
काशी विश्वनाथ मंदिर कैसे पहुंचे?
आप अपने शहर से बनारस ट्रेन, बस या फ्लाइट के माध्यम से आसानी से आ सकते हैं| बनारस में एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन तथा बस स्टैन्ड सभी की सुविधाएं हैं जिससे सभी यात्री बड़ी ही आसानी से बनारस आ सकते हैं|
हवाईमार्ग द्वारा- वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी है जहां तक आप फ्लाइट के माध्यम से भी आ सकते हैं| वाराणसी एयरपोर्ट आकर आप टैक्सी के माध्यम से विश्वनाथ मंदिर तक जा सकते हैं| वाराणसी एयरपोर्ट से विश्वनाथ मंदिर की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है|
रेलमार्ग द्वारा- बनारस में 2 रेलवे स्टेशन हैं जिनको सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन के माध्यम से जोड़ा गया है| बनारस रेलवे स्टेशन से विश्वनाथ मंदिर की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है|
सड़क मार्ग द्वारा- आप अपने साधन से भी बनारस आ सकते हैं लेकिन ध्यान रहे यहाँ का ट्रैफिक आपको थोड़ा परेशान कर सकता है| आप सड़क मार्ग का उपयोग करके बस द्वारा भी यहाँ आ सकते हैं| उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन द्वारा आप बस की सुविधा से बनारस पहुँच कर विश्वनाथ मंदिर में दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं| वाराणसी स्थित बस स्टैन्ड से विश्वनाथ मंदिर की दूरी लगभग 4.5 किलोमीटर है|
हमने हमारे लेख ‘काशी विश्वनाथ मंदिर’ में आपको मंदिर से जुड़ी सभी उपयोगी जानकारी संक्षेप में देने की कोशिश की है| अगर आपको हमारा लेख उपयोगी लगा हो तो अपने प्रियजनों के साथ अवश्य साझा करें| तो अब हम हमारा लेख समाप्त करते हैं और बोलते चलिए नमः पार्वती पतये हर हर महादेव|