वैसे तो हमारे देश में सभी दिन माँ दुर्गा की पूजा के लिए विशेष हैं लेकिन फिर भी माँ दुर्गा की भक्ति में लिप्त होने के लिए नवरात्रि का विशेष महत्व है जिस कारण आज हम इस लेख में भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर के विषय में आपको सटीक जानकारी देने की कोशिश करेंगे| बात हो चैत्र नवरात्रि की या फिर बात हो शारदीय नवरात्रि की, सबसे पहले मन में यही ख्याल आता है कि इन नवरात्रि में माँ के आशीर्वाद के लिए हमें कहाँ का प्लान करना चाहिए? जहां मन पूरी तरह से माँ की भक्ति में रम जाए|
भारत के कोने-कोने में विभिन्न संस्कृति और परंपरा के लोग रहते हैं जो अपनी सांस्कृतिक विविधता के बावजूद भी माँ के प्रति आस्था को लेकर एकता बनाए हुए हैं| भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर की बात की जाए तो इसमें लगभग उन्हीं सब धार्मिक स्थानों की बात होती है जो शक्तिपीठ कहे जाते हैं क्योंकि मान्यता है माता सती के इन शक्तिपीठों में विशेष प्रकार की शक्तियां होती हैं जिनका अनुभव करने के लिए हमें एक बार यहाँ अवश्य ही दर्शन करने चाहिए तो आगे बढ़ते हैं और जानते हैं माँ के उन मंदिरों के बारे में जहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है और जय माता दी का जयकारा गूँजता रहता है|
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भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर : Best Devi Temple In India
वैष्णों देवी मंदिर

त्रिकूट पर्वत पर स्थित माँ का भवन, वैष्णो देवी मंदिर जो सालों से भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, जहां पर दिव्य शक्तियों के बीच माँ के प्रति भक्तों की अगाध श्रद्धा आपके रोम-रोम में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर देगी| भवन में माँ वैष्णों के दर्शन के बाद भैरव जी के दर्शन की भी मान्यता है| कहा जाता है बिना भैरव जी के दर्शन के आपकी यह दिव्य यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है|
वैष्णों देवी के दरबार में जाने मात्र से भक्तों की सभी चिंताएं दूर हो जाती है जहां के चढ़ाई वाले रास्तों पर माता के जयकारों की गूंज आपको थकान का एहसास नहीं होने देगी और जगह-जगह पर माँ का प्रसाद रूपी लंगर आपकी आत्मा को तृप्त कर देगा| इस तृप्ति के बीच भवन में पहुँच कर माँ के तीन रूप महासरस्वती, महाकाली तथा महालक्ष्मी के दर्शन आपके मन में अपार भक्ति की सीमा को भी लांघ देंगे तो इस दिव्य अनुभव का आनंद लेने के लिए वैष्णों देवी के दरबार को भारत के 10 प्रमुख देवी मंदिर की सूची में रखना हरगिज न भूलें|
वैष्णो देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
वैष्णों देवी मंदिर, पटनी टॉप, डोगरा आर्ट म्यूजियम, रघुनाथ मंदिर, बाग-ए-बहु, शिव खोरी, मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स तथा श्री रणवीरेश्वर मंदिर आदि जम्मू के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जिनको आपको वैष्णों देवी मंदिर के साथ में प्लान कर सकते हैं|
लोकेशन- जम्मू और कश्मीर
ज्वाला देवी मंदिर
हिमांचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में स्थित ज्वाला देवी मंदिर, भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है और अपनी अद्भुत और रहस्यमयी शक्तियों के कारण भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है जहां दूर-दूर से सैंकड़ों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं| शिवालिक पर्वतमाला पर बसा ज्वाला देवी मंदिर, जिसको लेकर मान्यता है कि यहाँ पर माता सती की जीभ गिरी थी जिसका प्रतिनिधित्व पवित्र ज्वाला के द्वारा किया जाता है जो हमेशा जलती रहती है| इस भव्य मंदिर में माँ की शक्तियों का अलौकिक अनुभव करने के लिए आप इसे भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर की सूची में शामिल कर सकते हैं|
ज्वाला देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
मसरूर मंदिर, करेरी झील, कांगड़ा किला, मक्लोडगंज, डल झील, पालमपुर चाय बागान, ज्वाला देवी मंदिर, पोंग डैम, चिन्मय तपोवन, बीर बिलिंग, त्रियुंड, बगलामुखी मंदिर, इंद्रहार दर्रा, महाराणा प्रताप सागर, भागसु नाग मंदिर, कुणाल पथरी, चामुंडा देवी मंदिर, बृजेश्वरी मंदिर तथा बैजनाथ मंदिर आदि कांगड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
लोकेशन- हिमांचल प्रदेश
पावागढ़
पंचमहल जिले के पावागढ़ के शिखर पर विराजमान माँ कालिका देवी जिनके दर्शन हेतु लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं, गुजरात राज्य में स्थित है| वडोदरा से 46 किलोमीटर (लगभग) की दूरी पर स्थित पावागढ़ मंदिर जहां के बारे में मान्यता है कि महर्षि श्री विश्वामित्र ने माँ कालिका देवी को इस पहाड़ की चोटी पर स्थापित किया था जिसके कारण यह एक पूजनीय स्थल बन गया| धार्मिक परंपराओं के अनुसार यहाँ पर देवी सती के दाहिने पैर के अंगूठा गिरा था जिसके कारण इसे शक्तिपीठ भी माना जाता है| ऐसी कई विशिष्ट मान्यताओं वाले पवित्र स्थान को भारत के 10 प्रमुख देवी मंदिर की सूची में शामिल करना एक उत्तम निर्णय हो सकता है|
पावागढ़ के पास घूमने की जगह-
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, चंपानेर, खेड़ा, लक्ष्मी विलास पैलेस, जम्बुघोडा वन्यजीव अभयारण्य तथा नवलखा कोठार आदि पावागढ़ के पास में घूमने की जगहें हैं|
लोकेशन- गुजरात
महालक्ष्मी मंदिर
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर देवी के प्रमुख 51 शक्तिपीठों में से एक है और विगत कई वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है| महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण चालुक्य साम्राज्य के राजा कर्णदेव के द्वारा 700 ई. में करवाया गया था| अम्बाबाई मंदिर के नाम से मशहूर महालक्ष्मी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहाँ पर दर्शन करने वाले भक्त अपने मन की इच्छा पूरी भी कर सकते हैं और अपनी इच्छाओं से मुक्ति भी पा सकते हैं| अत्यंत सुंदर नक्काशी से सजे हुए उत्कृष्ट वास्तुकला के उदाहरण वाले महालक्ष्मी मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर, शेषशाही मंदिर तथा गणपती मंदिर भी हैं|
महालक्ष्मी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
अम्बाबाई मंदिर, नूरसिंहवाड़ी मंदिर, बालुमामा मंदिर, पन्हाला किला, ज्योतिबा मंदिर, विशालगढ़ दरगाह, येलवन जुगाई, ऑल सेंट चर्च, रंकाला झील, भवानी मंडप, सिद्धगिरी संग्रहालय, रामतीर्थ वॉटरफॉल, पोहले गुफ़ाएं, टाउन हॉल, राधानगरी बांध, न्यू पैलेस, विनखांबी गणेश मंदिर, कोपेश्वर मंदिर, गगनबावड़ा तथा दाजीपुर वन्यजीव अभयारण्य आदि कोल्हापुर के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
लोकेशन- महाराष्ट्र
कामाख्या मंदिर

असम राज्य की राजधानी गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर, देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक है जहां पर मंदिर के गर्भगृह में किसी मूर्ति की नहीं अपितु माता की योनि की पूजा की जाती है| नीलांचल पहाड़ी पर स्थित कामाख्या मंदिर के बारे में मान्यता है कि सभी को यहाँ पर 3 बार दर्शन अवश्य करने चाहिए जिससे वह संसार के सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है|
तांत्रिक शक्तियों का केंद्र बना कामाख्या मंदिर जहां भक्तों का तांता हर समय लगा रहता है, अंबुबाची मेले के दौरान श्रद्धालुओं से भरा रहता है| इस मंदिर की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु माँ कामाख्या के दर्शन हेतु आते हैं तो ऐसे सिद्ध शक्तिपीठ को भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर की सूची में शामिल न किया जाए, यह तो असंभव है|
कामाख्या मंदिर के पास में घूमने की जगह-
कामाख्या मंदिर, नेहरू पार्क, चंदूबी झील, असम स्टेट जू कम बोटैनिकल गार्डन, वशिष्ठ आश्रम मंदिर, फैन्सी बाजार, श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र, हाजो, नवग्रह मंदिर, क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, पूर्व तिरुपति श्री बालाजी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, असम स्टेट म्यूजियम, गुवाहाटी तारामंडल, भुवनेश्वरी मंदिर तथा श्री उमानंद मंदिर आदि गुवाहाटी के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
लोकेशन- असम
नैनादेवी मंदिर
हिमाचल प्रदेश राज्य के बिलासपुर जिले में पहाड़ी पर स्थित श्री नैना देवी मंदिर, भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिरों की श्रेणी में रखने योग्य है क्योंकि यहाँ पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की तादाद हमेशा बनी रहती है| यहाँ पर श्री नैना देवी जी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी जो कि पिंडी रूप में है|
जय माता दी का नारा लगाते हुए भक्त, माँ नैना देवी के दर्शन हेतु पैदल ही पहाड़ की चोटी तक पहुंचते हैं| जो भक्त किसी तरह से चलने में असमर्थ हैं या अन्य किसी कारणवश जल्दी दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए पालकी और रोपवे की सुविधा भी है जिसकी सहायता से भक्त माँ के दर्शन आसानी से कर सकते हैं| मान्यता है कि भगवान विष्णु द्वारा चलाए गए सुदर्शन चक्र से कटे देवी सती के अंगों में से उनकी आँख यहाँ गिरी थी जिसकी वजह से इस स्थान को नैना देवी कहा गया|
नैना देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
गोविंद सागर झील, बाबा बालक नाथ मंदिर, रुक्मणी कुंड, भाखड़ा बांध, कंदरौर ब्रिज, बछरेटू किला, लक्ष्मी नारायण मंदिर तथा व्यास गुफा आदि नैना देवी मंदिर के आस-पास के प्रमुख आकर्षण हैं|
लोकेशन- हिमाचल प्रदेश
कैला देवी मंदिर
राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक कैला देवी मंदिर, करौली जिले के कैलादेवी गाँव में स्थित है| मंदिर के प्रमुख स्थान में श्री कैला देवी और चामुंडा देवी की मूर्ति एक साथ विराजमान है|
स्कन्द पुराण के अनुसार, कैलादेवी उसी महामाया का एक रूप हैं जिन्होंने नंद बाबा और यशोदा मैया की संतान के रूप में जन्म लिया था और जब उन्हें कंस ने कृष्ण समझकर मारने की कोशिश की तब उन्होंने कंस को अपना दिव्य देवी रूप दिखाया और इस बात से अवगत कराया कि कृष्ण पहले ही जन्म ले चुके हैं| कैला देवी या करौली मैया के बारे में मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने मात्र से सभी मन की कामनायें पूरी होती हैं तो ऐसे शक्तिशाली मंदिर को भारत के 10 प्रमुख देवी मंदिर में शामिल करना एक उचित निर्णय है|
कैला देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
श्री मदन मोहन जी मंदिर, कैलादेवी अभयारण्य, सिटी पैलेस, भंवर विलास पैलेस, श्री महावीरजी जैन मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, तिमनगढ़ किला तथा कल्याण जी मंदिर आदि कैलादेवी के पास के प्रमुख आकर्षण हैं|
लोकेशन- राजस्थान
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
देवी काली को समर्पित दक्षिणेश्वर काली मंदिर, दक्षिणेश्वर, कोलकाता में स्थित है जिसकी स्थापना एक बहादुर, देवी काली की भक्त और विदेशी शासन की विद्रोही महिला रानी रश्मोनी ने एक स्वप्न के बाद की थी| मंदिर परिसर में देवी काली के मंदिर के अलावा अन्य देवी देवताओं को समर्पित मंदिर भी है जिनमें 12 शिव मंदिर हैं जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों को ध्यान में रखते हुए स्थापित किए गए थे और विष्णु मंदिर भी है जिसमें राधा-कृष्ण की प्रतिमाएं विराजमान हैं| उत्कृष्ट वास्तुकला से सुसज्जित दक्षिणेश्वर काली मंदिर, शांति और आध्यात्मिकता का अनोखा संगम है जिसके कारण इसे भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर की श्रेणी में रखा गया है|
दक्षिणेश्वर काली मंदिर के पास में घूमने की जगह-
काली घाट मंदिर, बेलूर मठ, बिरला मंदिर, हावड़ा ब्रिज, विक्टोरिया मेमोरियल म्यूजियम, साइंस सिटी, न्यू मार्केट, सेंट पॉल कैथेड्रल, इको पार्क, इंडियन म्यूजियम, मार्बल पैलेस, फोर्ट विलियम, जूलॉजिकल गार्डन, प्रिंसेप घाट, नखोदा मस्जिद, पार्क स्ट्रीट तथा जोरासांको ठाकुरबाड़ी आदि प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
लोकेशन- पश्चिम बंगाल
मनसा देवी मंदिर
हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मनसा देवी मंदिर बिलवा पर्वत पर स्थित है| उत्तराखंड की खूबसूरती को समेटे हुए मनसा देवी मंदिर आध्यात्मिकता के साथ ही साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण स्थान है जहां पर मंदिर के आस-पास के नजारे आपको मंत्रमुग्ध अवश्य कर देंगे|
मान्यता है मनसा देवी सभी की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं जिसके कारण हरिद्वार आने वाले सभी पर्यटक मनसा देवी के दर्शन हेतु जरूर आते हैं| आप मनसा देवी मंदिर तक सीढ़ियों और रोपवे दोनों माध्यमों से माँ के दर्शन के लिए जा सकते हैं| अगर माँ की भक्ति के साथ ही साथ प्रकृति के नजरों का आनंद लेना हो तो इसे भारत के 10 प्रमुख देवी मंदिर की सूची में रखना आपके लिए बेस्ट विकल्प होगा|
मनसा देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
हर की पौड़ी, राजा जी राष्ट्रीय पार्क, माया देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, शांतिकुंज, विष्णु घाट, आनंदमयी आश्रम, सुरेश्वरी देवी मंदिर, भारत माता मंदिर, सप्तऋषि आश्रम, वैष्णो देवी मंदिर, परमार्थ निकेतन आश्रम तथा पिरान कलियर आदि मनसा देवी मंदिर के पास के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
लोकेशन- उत्तराखंड
माँ दन्तेश्वरी मंदिर
देवी दन्तेश्वरी को समर्पित दन्तेश्वरी मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है और दन्तेवाड़ा, छत्तीसगढ़ में स्थित है| नवरात्रि और फागुनमेला के दौरान यहाँ पर कई सारे पारंपरिक उत्सव मनाए जाते हैं जिस कारण इस समय यहाँ पर सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ लगती है| दन्तेश्वरी मंदिर का निर्माण बस्तर के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा करवाया गया था| मंदिर की मुख्य छवि छह भुजाओं वाली माँ महिषासुरमर्दिनी हैं| मान्यता है कि देवी सती का दांत यहाँ पर गिरा था जिसके कारण यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है|
माँ दन्तेश्वरी मंदिर के पास में घूमने की जगह-
ढोलकल गणेश, गुमेर वॉटरफॉल, नागफनी, समलूर शिव मंदिर, झारालावा वॉटरफॉल, मामा-भांजा मंदिर, तपेश्वरी मंदिर, बोधघाट साठधारा, फुलपाड़ वॉटरफॉल, बारसुर, गामावाडा के स्मृति स्तम्भ, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान तथा बचेली आदि दन्तेश्वरी मंदिर के पास के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
लोकेशन- छत्तीसगढ़
इस प्रकार हमारा लेख ‘भारत के 10 प्रसिद्ध देवी मंदिर’ समाप्त होता है जिसको अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद| आशा करते हैं आपको हमारा लेख पसंद आया होगा| अगर यह लेख आपके लिए या आपके प्रियजनों के लिए उपयोगी हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ साझा करें|