राधे कृष्ण! जब कृष्ण जी ने स्वयं अपने से पूर्व अपनी प्रिय राधा जी को रखा है, तो हम कैसे भूल सकते हैं राधा जी की जन्मस्थली को?
आज हम जानेंगे बरसाना में घूमने की जगह के बारे में जहाँ राधा जी का जन्म हुआ और उनका बचपन बीता| ब्रजधाम की बात हो तो बरसाना की बात भी जरुरी है, क्यूंकि बरसाना, ब्रजधाम का एक अभिन्न अंग है तो आइये चलते हैं और जानते हैं, राधा कृष्ण से जुडी हुई लीलाओं के बारे में|
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बरसाना में घूमने की जगह का पौराणिक महत्त्व-
बरसाना ,जहाँ पर हमारी प्यारी राधा जी का जन्म हुआ| बरसाना अपने आप में अनेकों कहानियां समेटे हुए है| यह कृष्ण राधा की प्रेम स्थली है जहाँ पर राधा कृष्ण की अनेक प्रेम लीलाएं हुई हैं| इस स्थान को अवश्य ही बरसाना में घूमने की जगह में शामिल करके यहाँ की लीलाओं का आनंद लेना चाहिए| यहाँ के ऐसे कई स्थान है जहाँ पर मान्यता है कि ठाकुर जी राधा रानी के साथ प्रेम लीलाएं करने आते है| विलास गढ़ के बारे में कहा जाता है कि आज भी सावन के पावन महीने में तीज के दिन राधा रानी अपनी अष्ट सखियों के साथ यहाँ झूला झूलने आती हैं|
बरसाना में घूमने की जगह को कैसे करें प्लान?
वैसे तो आपको यह प्लान मथुरा, वृन्दावन के साथ ही बनाना चाहिए क्यूंकि इससे आप कई जगह घूमने के साथ-साथ बजट का इस्तेमाल भी अच्छे से कर पाएंगे| लेकिन फिर भी अगर आप किसी तरह की जल्दी में हैं और आप सिर्फ बरसाना ही आना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे सुविधाजनक तरीका है कि आप सबसे पहले मथुरा आ जाइये और वहां से आपको बरसाना के लिए बस, शेयरिंग टैक्सी आसानी से मिल जाएँगी|
आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट आगरा एअरपोर्ट है, जिसकी दूरी बरसाना से मात्र 96 किलोमीटर है| तो आप फ्लाइट से भी आगरा एअरपोर्ट आकर वहां से टैक्सी के माध्यम से बरसाना आ सकते हैं, तो देर मत करिये और जल्दी से प्लान बनाइए बरसाना में घूमने की जगह का|
बरसाना में घूमने की जगह को कब करें प्लान?
जैसा की आप जानते हैं, यह राधा जी की जन्मस्थली है तो यहाँ पर राधा अष्टमी बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है| अगर आपको भीड़ की परवाह नहीं है और त्योहारों के शौक़ीन हैं, तो आपको अवश्य ही राधा अष्टमी पर बरसाना में घूमने की जगह का प्लान करना चाहिए| इसके अलावा यहाँ पर होली और जन्माष्टमी भी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है| इन त्योहारों पर आपको भक्तों की बहुत ही भीड़ दिखाई देगी|
त्योहारों के अलावा किसी दिन आना चाहते हों तो आप सितम्बर से अप्रैल महीने के बीच का प्लान करें क्यूंकि इस टाइम न ही अधिक गर्मी होती है न ही बारिश|
बरसाना में घूमने की जगह-
श्री लाडलीजी महाराज मंदिर

पहाड़ियों में बसा हुआ मंदिर जहाँ पर किशोरी जी और ठाकुर जी के बहुत ही दिव्य दर्शन होते है| यहाँ पर होली, राधाष्टमी, तथा जन्माष्टमी के त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाये जाते हैं| बहुत ही सुन्दर मंदिर, जहाँ के बाहरी प्रांगण से समस्त बरसाने के बहुत ही अलौकिक दर्शन होते हैं|यह बहुत ही दिव्य और पावन मंदिर है, जिसको आपको बरसाना में घूमने की जगह में शामिल करना ही चाहिए|
वैसे तो यह मंदिर बहुत ही ऊंचाई पर है, पर अब सरकार द्वारा यहाँ रोप वे की सुविधा चालू की गयी है, जिससे किसी को भी यहाँ जाने में अब किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट का अनुभव नहीं होगा|
कीर्ति मंदिर

कीर्ति मंदिर में कीर्ति माँ के दर्शन होते हैं, जो कि राधा जी की माँ हैं| ब्रज का अकेला ऐसा मंदिर जहाँ राधा जी की माँ के दर्शन होते हैं| यहाँ पर माँ कीर्ति की गोद में बैठी हुई राधा जी की बहुत ही मनमोहक प्रतिमा है| साथ ही साथ यहाँ पर राधा कृष्ण और प्रभु राम और सीता जी के भी दिव्य स्वरुप के दर्शन हैं जिसके कारण आपको कीर्ति मंदिर को बरसाना में घूमने की जगह में अवश्य ही शामिल करना चाहिए|
अद्भुत कलाकृतियों से बना हुआ भव्य मंदिर, जो कि अपनी सुन्दरता को निहारने को विवश करता है| इस मंदिर को भी प्रेम मंदिर की भांति ही कृपालु जी महाराज ने बनवाया है| यहाँ पर रात का नजारा और भी सुन्दर होता है, क्यूंकि मंदिर में की जाने वाली लाइटिंग इसकी शोभा को और अधिक बढ़ा देती है| यहाँ के बाहरी प्रांगण में कृष्ण और राधा जी की कई मनमोहक झांकियां भी हैं, जो इस मंदिर की शोभा को चार चाँद लगाती हैं|
रंगीली महल
कीर्ति मंदिर के पास में ही बना रंगीली महल भी बहुत ही सुन्दर स्थान है| इसके अन्दर सत्संग भवन हैं, जहाँ पर कृपालु जी महाराज ने अपने अनुयायियों को सानिध्य प्रदान किया है| यहाँ पर प्रकाश वाटिका भी है, जहाँ पर राधा जी और ठाकुर जी झूला झूल रहे है, साथ ही साथ यहाँ पर ग्वाल बाल, मोर तथा गाय की झांकियां भी हैं, जो इस जगह की शोभा बढ़ाने के साथ-साथ ब्रज का आनंद दिला रही हैं|
मान मन्दिर
यहाँ पर मान बिहारी जी के दर्शन होते हैं| ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण जी ने राधा जी की सुन्दरता की तुलना चंद्रमा से की थी जिसके कारण राधा जी नाराज होकर यहाँ आई थीं, उनको मनाने के लिए कृष्ण जी ने भी बहुत प्रयत्न किये, यहाँ पर पास में ही मोर कुटी में भगवान ने स्वयं मोर बनकर नृत्य किया था जिससे राधा जी प्रसन्न हुई थीं, इसीलिए इस स्थान को मान मंदिर कहा जाता है|
गह्वर वन
यहाँ पर गह्वर वन बिहारी जी के दर्शन होते हैं| मान्यता है कि यहाँ पर हमारी प्यारी राधा रानी और कृष्ण जी मिला करते थे और कृष्ण जी ने यहाँ पर राधा जी का शृंगार भी किया है| यहीं पर अत्यंत पावन राधा सरोवर भी है, जहाँ पर राधा जी ने स्नान किया है और इस कुंड का निर्माण कृष्ण जी ने किया था| इस पावन स्थल को आपको अवश्य ही बरसाना में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|
विलास गढ़
ऐसी मान्यता है कि आज भी सावन के पावन महीने में तीज के दिन राधा रानी अपनी अष्ट सखियों के साथ यहाँ झूला झूलने आती हैं| यहाँ पर जोगन बिहारी जी के दर्शन होते हैं, क्यूंकि यहाँ पर श्री कृष्ण जी ने जोगन का भेष धारण किया था| और यहाँ पर भादौ माह की दशमी तिथि को जोगन लीला भी होती है, जिसको देखने के लिए आपको भी इस स्थान को बरसाना में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|
कहा जाता है यहाँ पर राधा रानी और ठाकुर जी नित्य लीला करते हैं| यहाँ पर ही संत बंशीदास ने राधा जी की आराधना कर तपस्या की थी, इनकी समाधि भी यहीं पर है| इसी स्थान पर संत बंशीदास की गुफा भी है|
दान गढ़
दान गढ़ की मान्यता है कि यहाँ पर प्रभु कृष्ण ने अपनी बंशी का दान किया था जिसके कारण इस स्थान को दान गढ़ कहा जाता है| यहाँ पर प्रभु के अनोखे स्वरुप के दर्शन होते हैं, यहाँ पर प्रभु कृष्ण स्वयं गोपी रूप में हैं| ऐसे अनोखे दर्शन प्राप्त करने के लिए आपको इस स्थान को बरसाना में घूमने की जगह में रखना चाहिए|
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और किसी सहायता के लिए यह भी https://mathura.nic.in/ देखें|
बरसाना कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग द्वारा- यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट आगरा एअरपोर्ट है, जिसकी दूरी बरसाना से मात्र 96 किलोमीटर है तो आप फ्लाइट से भी आगरा एअरपोर्ट आकर वहां से टैक्सी के माध्यम से बरसाना आ सकते हैं|
रेलमार्ग द्वारा- बरसाना आने के लिए आप ट्रेन के माध्यम से आसानी से मथुरा आ सकते हैं, उसके बाद आप बस या टैक्सी के माध्यम से यहाँ आ सकते हैं|
सड़क मार्ग द्वारा- सड़क मार्ग द्वारा यात्रा के लिए भी आपको सबसे पहले मथुरा आना होगा, उसके बाद आप टैक्सी या बस के माध्यम से आसानी से यहाँ घूम सकते हैं|
FAQ-
प्रश्न- मथुरा से बरसाना की दूरी कितनी है?
उत्तर- मथुरा से बरसाना की दूरी 42 किलोमीटर है|
प्रश्न- राधा जी की माँ का मंदिर कौन सा है?
उत्तर- कीर्ति मंदिर में कीर्ति माँ के दर्शन होते हैं, जो कि राधा जी की माँ हैं| यह बरसाना में है|
प्रश्न- राधाष्टमी में कहाँ घूमने जाना चाहिए?
उत्तर- श्री लाडलीजी महाराज मंदिर, बरसाना में राधाष्टमी बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है जिसके कारण राधाष्टमी पर बरसाना जरुर जाना चाहिए| राधाष्टमी पर पूरा बरसाना ही दुल्हन की तरह सजाया जाता है|
हमने हमारा पूरा प्रयास किया है कि आपको ‘बरसाना में घूमने की जगह’ के बारें में सम्पूर्ण जानकारी दें| उम्मीद है आप हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से संतुष्ट होंगे, इसी तरह हमारे अन्य लेख पढ़ कर अन्य जगहों के बारें में भी जानें| राधे कृष्ण!