लखनऊ में घूमने की जगह

उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर के रूप में अपनी छवि बनाए हुए है जो उत्तर भारतीय संस्कृति और कला का केंद्र है| लखनऊ में घूमने की जगह की बात की जाए तो उसमें यहाँ की तंग गलियाँ और हर गली में एक अलग जायके की खुशबू, इसकी खूबसूरती में तड़के की तरह काम करती है| गोमती नदी के उत्तर पश्चिमी तट पर स्थित लखनऊ, जिसके पूर्व में बाराबंकी, पश्चिम में उन्नाव, उत्तर में सीतापुर और दक्षिण में रायबरेली है, अपने अदब और शौकों के कारण आज भी ‘नवाबों का शहर’ कहलाता है जिसके अदब की मिठास जुबान पर हमेशा बनी रहती है|

नफासत और नजाकत वाला यह शहर, विश्वभर में अपने चिकन की कढ़ाई के लिए मशहूर है जो खुद को इतिहास से भी जोड़े हुए है और आधुनिकता को भी अपनाए हुए है| यहाँ का अवधी खाना हो या फिर यहाँ के पुराने बाजार, आज भी लखनऊ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर खींचते जरूर हैं| लखनऊ की अमीनाबाद मार्केट, खरीदारों के लिए शॉपिंग से लेकर व्यंजनों की महक तक सब कुछ समेटे हुए है जिसके कारण यहाँ के लोकल लोगों तथा पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है|

दिल खोल कर आपका स्वागत करने वाला शहर लखनऊ, आपका हाथ थाम कर अपने अतीत और वर्तमान के पन्नों को पलटते हुए ब्रिटिश और मुगल राज की कई इमारतों से रूबरु भी कराता है, जहां की वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण सराहनीय हैं|

लखनऊ का संक्षिप्त इतिहास

लखनऊ में घूमने की जगह, लखनऊ के पर्यटन स्थल

लखनऊ कोसल के प्राचीन महाजनपद का एक अभिन्न अंग रह चुका है जिस पर सूर्यवंश राजवंश का शासन हुआ करता था, जिसकी राजधानी अयोध्या और बाद में श्रावस्ती थी| मान्यताओं के अनुसार, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भाई लक्ष्मण जी के नाम पर इस शहर का नाम लखनपुरी रखा गया था और वर्तमान में इसका नाम लखनऊ हो गया|

वर्ष 1350 के लगभग से लखनऊ शहर पर कई शाही संस्थाओं का शासन रहा, जिसमें से कुछ प्रमुख हैं: दिल्ली सल्तनत, शर्की सल्तनत, मुगल साम्राज्य, अवध के स्वदेशी नवाब, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी, तथा ब्रिटिश राज जिसमें से सभी ने लखनऊ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर अपनी छाप भी छोड़ी है| आसफ-उद-दौला के शासन काल ने अवध और लखनऊ की कलात्मक भव्यता को महलनुमा इमारतों का निर्माण कराकर एक नए शिखर पर पहुंचाया जिसमें बड़ा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा शामिल हैं जिनकी वास्तुकला वर्तमान समय में भी एक अद्भुत मिशाल बनाए हुए है|

बड़े इमामबाड़ा की प्राचीन वास्तुकला से लेकर गोमती नगर नदी तट की आधुनिक वास्तुकला तक, लखनऊ अपने में कई अद्भुत उत्कृष्टता वाले उदाहरण संजोये हुए है जिसमें इसकी सांस्कृतिक विरासत के साथ ही साथ इसकी आधुनिकता का आईना भी स्पष्ट दिखाई देता है ऐसे स्पष्ट आईने की छवि को देखने को लिए आपको आपके पर्यटन स्थान की लिस्ट में लखनऊ में घूमने की जगह को भी अवश्य ही शामिल करना चाहिए|

लखनऊ में घूमने की जगह को कैसे करें प्लान?

लखनऊ में घूमने की जगह, बड़ा इमामबाड़ा

भारत के किसी भी कोने से आपको उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए फ्लाइट, ट्रेन और बस बड़ी ही आसानी से मिल जाएंगे| लखनऊ में चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जहां तक आप अपने शहर से फ्लाइट के माध्यम से आ सकते हैं| लखनऊ में कई रेलवे स्टेशन भी हैं जहां तक आपको प्रमुख शहरों से ट्रेन भी मिल जाएगी| लखनऊ के आस-पास के जिलों जैसे कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी से दैनिक स्तर पर बस भी उपलब्ध रहती हैं|

लखनऊ आप आसानी से 3 दिन में घूम सकते हैं और अगर आप कम बजट में ज्यादा घूमना चाहते हैं तो लखनऊ के साथ ही साथ प्रयागराज तथा अयोध्या जैसे पवित्र स्थानों का भी प्लान कर सकते हैं| प्रयागराज से जुड़ी सभी तरह की जानकारी के लिए हमारे लेख ‘प्रयागराज में घूमने की जगह’ को भी पढ़ें| इससे आपको प्रयागराज घूमने में काफी सहायता मिलेगी|

लखनऊ में घूमने की जगह को कब करें प्लान?

लखनऊ में घूमने की जगह, जनेश्वर मिश्र पार्क

लखनऊ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च का है क्योंकि इस समय न ही गर्मी होती है न बारिश| यहाँ पर गर्मी में आने पर यहाँ पर ऐतिहासिक स्थान ज्यादा होने के कारण आपको चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ सकता है| सर्दी के मौसम में खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए कई बेहतरीन विकल्प भी बढ़ जाते हैं| सर्दी के मौसम में यहाँ लखनऊ महोत्सव का भी आयोजन होता है जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं|

लखनऊ में घूमने की जगह-

आज हम इस लेख में बात करेंगे लखनऊ में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से जिसके माध्यम से आप अपनी लखनऊ यात्रा को सुगमता से पूरा कर सकते हैं| तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं लखनऊ के पर्यटक स्थलों के बारे में:

1. बड़ा इमामबाड़ा

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आसफ-उद-दौला के शासनकाल की अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण लिए हुए बड़ा इमामबाड़ा, लखनऊ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है जो कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है जहां के टॉप फ्लोर से दिखने वाला पूरे इमामबाड़ा का नजारा इसकी खूबसूरती की अनूठी पेशकश करता है तथा यहां पर अद्भुत कारीगरी वाली बावली भी है जहां पर प्राचीन समय में कुआं भी हुआ करता था|

यहीं पर भूल-भुलैया भी है जहां पर 484 एक जैसे दिखने वाले खिड़कियां और दरवाजे हैं जिनमें एक ही जैसे रास्तों को बार-बार देख कर आप भी इसके सही रास्तों को भूल जाएंगे जिससे बचने के लिए यहाँ पर गाइड की सहायता से ही घूमें| बड़ा इमामबाड़ा के अंदर ही फूलों से सजे हुए सुंदर गार्डन भी हैं जो अपनी सुंदरता से आपको अपनी ओर अवश्य ही आकर्षित करेंगे| भव्य वास्तुकला वाले ऐसे ऐतिहासिक स्थान को देखने के लिए आपको बड़ा इमामबाड़ा को लखनऊ में घूमने की जगह में जरूर शामिल करना चाहिए|

2. डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क

लखनऊ में घूमने की जगह, अंबेडकर पार्क

सुंदरता की मिशाल बना डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, जिसकी सुंदरता को देखकर मन में पार्क की अलग ही छवि बनती है जहां पर मार्बल से बनी हुई फर्श और अगल-बगल हाथी से सजा हुआ मार्ग पर्यटकों को अपनी ओर एक बार अवश्य आकर्षित करते हैं जहां पर कोई भी एक बार फोटो लेने के बारे में जरूर सोचेगा| यहाँ पर आपको भीमराव अंबेडकर गैलरी के साथ ही साथ मुख्य परिवर्तन स्थल भी मिलेगा|

गर्मी के दिनों में यहाँ घूमने जा रहें हैं तो सुबह थोड़ा जल्दी प्लान करें या फिर शाम को यहाँ घूमना बेस्ट है क्योंकि तपती धूप यहाँ पर आपको परेशान कर सकती है| पार्क की अलग छवि को करीब से निहारने के लिए इस अनोखे पार्क को लखनऊ में घूमने की जगह में जरूर शामिल करें|

3. रूमी दरवाजा

लखनऊ का प्रतीक बना रूमी दरवाजा एक विशाल अलंकृत संरचना है जिसका निर्माण नवाब आसिफुद्दोला के शासनकाल में हुआ था| ऐसा कहा जाता है कि रूमी दरवाजे को तुर्की के प्राचीन कॉन्स्टेंटिनोपल के आधार पर डिजायन किया गया है| प्राचीन समय में अवध वास्तुकला वाले रूमी दरवाजा का उपयोग शहर के प्रवेश द्वार को चिन्हित करने के लिए किया जाता था| नवाबों की दुनिया की तस्वीर से रूबरु कराने वाले इस द्वार को लखनऊ में घूमने की जगह में अवश्य शामिल करें|

लखनऊ में घूमने की जगह, रूमी दरवाजा

4. छोटा इमामबाड़ा

छोटा इमामबाड़ा जिसे हुसैनाबाद इमामबाड़ा के नाम से भी जाना जाता है, अवध के तीसरे राजा मोहम्मद अली शाह द्वारा बनवाई गई अद्भुत वास्तुकला वाली सुंदर संरचना है जिसकी भव्यता का ध्यान रखते हुए पूरे  भारत से निपुण वास्तुकारों को आमंत्रित किया गया था| यहाँ पर राजा और उनकी माँ की कब्रें हैं| छोटा इमामबाड़े में कीमती कलाकृतियाँ भी मौजूद हैं जिसमें पवित्र कुरान की दो प्राचीन प्रतियां, रानी का दीवान तथा राजा का उभरे हुए आकार का चांदी का सिंहासन है|

5. गोमती रिवर फ्रन्ट

गोमती रिवर फ्रन्ट, गोमती नदी के किनारे बना एक विशाल पार्क है जहां पर परिवार या मित्रों के साथ शाम बिताना, शाम को खास बनाना है| हरियाली से भरा हुआ यह पार्क सुंदरता के लिहाज से भी सराहनीय है जहां पर कई मूवीज की शूटिंग भी हुई है जिसमें से थोड़ा समय पहले आई हुई मूवी ‘बाला’ का एक सीन भी यहाँ फिलमाया गया है| यह सभी आयु-वर्ग के लिए शहर के शोर-शराबे से दूर एक लोकप्रिय स्थान है जहां पर युवा वर्ग अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती भी कर सकते हैं तो वरिष्ठ नागरिक यहाँ सुकून के पल भी बिता सकते हैं|

6. रेजिडेंसी

लखनऊ के सबसे ऊंचाई वाले स्थान पर स्थित रेजिडेंसी का निर्माण 1774 ई. में नवाब शुजाउददौला द्वारा अवध में अंग्रेज रेजीडेन्ट के रखे जाने के लिए दी गई स्वीकृति के बाद हुआ| 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की साक्षी रेजीडेन्सी का निर्माण कार्य नवाब आसफुद्दौला ने 1775 ई. में प्रारंभ कराया तथा नवाब सआदत अली खान ने इसे पूरा कराया|

1857 में क्रांतिकारियों द्वारा 5 महीनों की घेराबंदी के दौरान रेजीडेन्सी गोलाबारी से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसके अवशेष आज भी हैं लेकिन अब इसका जीर्णोद्धार किया जा चुका है और यहाँ पर ऐतिहासिक संरचनाओं का संग्रह रखा गया है जो कि शहीदों की वीरता और प्रतिरोध की कहानियाँ बयान करते हैं| विद्वानों और इतिहासकारों के लिए अनिवार्य गंतव्य के रूप में जाना जाने वाला रेजीडेन्सी लखनऊ में घूमने की जगह में शामिल न किया जाए, ऐसा संभव नहीं है|

7. लखनऊ जू

लखनऊ जू जिसे नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के नाम भी जाना जाता है, उत्साही और पशु प्रेमियों के लिए पसंदीदा स्थान है जहां पर आप टॉय ट्रेन के माध्यम से घूमकर भी जानवरों को देख सकते हैं जहां पर सफेद बाघ को देखना भी एक अलग तरह का रोमांच है| यहाँ पर लकड़बग्घा, सियार, मगरमच्छ से लेकर तेंदुआ, शेर, भारतीय भेड़िया, बाघ, लोमड़ी तक कई जंगली पशु हैं| यहाँ पर बच्चों के मनोरंजन का ध्यान रखते हुए पार्क भी है जिससे बच्चे इन पशुओं को देखने के साथ ही साथ पार्क में झूलों का भी आनंद ले सकेंगे|

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8. छतर मंजिल

नवाब सआदत अली खान ने अपनी माँ की याद में इस कोठी का निर्माण कराया और अपनी माँ के नाम पर ही इस का नाम छतर मंजिल रखा जिसका उपयोग बाद में सम्राट और उनकी पत्नियों ने किया| अंब्रेला पैलस के नाम से मशहूर छतर मंजिल गोमती नदी के तट पर स्थित है तथा यूरोपीय स्थापत्य शैली का अद्भुत उदाहरण पेश करती है|

वर्तमान में यह एक सरकारी कार्यालय के रूप में कार्य करती है लेकिन अपनी आकर्षक संरचना के कारण आज भी पर्यटन की दृष्टि से लखनऊ के महत्वपूर्ण स्थानों में गिनी जाती है|

9. दिलकुशा कोठी

दिलकुशा कोठी जिसके नाम का अर्थ है: ”हृदय को खुश रखने वाला” जिसका निर्माण नवाब सादत अली खान ने एक शिकार लॉज तथा रॉयल रिट्रीट के रूप में कराया था जिसके चारों ओर एक विशाल पार्क था| अपने नाम को सार्थक करने वाली दिलकुशा कोठी, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की उग्र घटनाओं के बाद नकारात्मक रूप से परिवर्तित होने लगी थी जिसके बाद अवध डिवीजन के जनरल कमांडिंग के यहाँ पर कब्जे के बाद महल को असुरक्षा की दृष्टि से देखते हुए इसे ध्वस्त कर दिया गया| अब इन जीवंत खंडहरों के आस-पास फूलों के बगीचे द्वारा हरियाली लाई गई है और यह स्थान लखनऊ के पर्यटक स्थल में शामिल है|

10. घंटाघर

रूमी दरवाजा के पास में स्थित मूरीश डिजायन की एक अद्भुत रचना, लखनऊ का शानदार घंटाघर ब्रिटिश वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जिसे पहले भारतीय महाद्वीप में सबसे बड़ा कहा जाता था| 221 फीट की ऊंचाई पर खड़ी यह घंटाघर की संरचना राजसीपन में लंदन के प्रसिद्ध बिग बेन को मात देती है जिसकी संरचना की परिकल्पना वास्तुकार रिचर्ड रोस्केल बेने ने की थी तथा बेने की इस अद्भुत कृति में कठोर स्टील के पिनीयन, गन मेटल के पहिये तथा गढ़ा-लोहे के किनारे शामिल किए गए हैं| यह विरासत स्मारक भी लखनऊ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है|

11. जामा मस्जिद

लखनऊ में घूमने की जगह में स्थान रखने वाली जामा मस्जिद, मुस्लिम समुदाय के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है जो कि मुगल वास्तुकला के अद्भुत उदाहरणों में से एक है| इसका निर्माण कार्य अवध के तीसरे नवाब मुहम्मद अली शाह ने 1839 ई. में शुरू कराया था जिनका उद्देश्य इसको दिल्ली की जामा मस्जिद से बड़ा बनाना था लेकिन उनकी असमय मृत्यु के कारण वह जामा मस्जिद का निर्माण नहीं पूरा करा पाए बाद में इस मस्जिद को उनकी पत्नी रानी मलिका जहां ने 1845 ई. में पूरा कराया| शांति की चाह रखने वालों को एक बार इसे अपनी लखनऊ में घूमने की जगह की सूची में अवश्य शामिल करना चाहिए|

12. जनेश्वर मिश्र पार्क

375 एकड़ में फ़ैला हुआ जनेश्वर मिश्र पार्क सबसे बड़े ऐशियाई पार्कों में से एक है जिसको पैदल घूमते-घूमते आप थक जाएंगे लेकिन फिर भी पूरा घूम नहीं पाएंगे जिसके कारण यहाँ पर घूमने के लिए बैटरी रिक्शा की भी सुविधा है| पार्क के अंदर साफ-सफाई के बीच यहाँ की चारों ओर की हरियाली, पार्क को पर्यटन की दृष्टि से और भी बेहतर बनाती है| किसी शाम को खास बनाना हो तो जनेश्वर मिश्र पार्क को लखनऊ में घूमने की जगह में शामिल करना हरगिज न भूलें|

लखनऊ के गोमती नगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क के अंदर झील भी है जहां की खूबसूरती इस पार्क की खूबसूरती को दोगुना कर देती है| यहाँ आकर आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं| सुबह की सैर हो या शाम का आराम का समय, यह पार्क अपनी हरियाली से सभी को सुखद बना देता है| इस स्थान को लखनऊ में घूमने की जगह में न शामिल करके आप लखनऊ का बेहद अहम हिस्सा देखने से वंचित रह जाएंगे|

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13. फीनिक्स मॉल

युवाओं की पहली पसंद फीनिक्स मॉल, शॉपिंग पसंद तथा सेल्फ़ी प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जहां आप शॉपिंग भी कर सकते हैं और मनोरंजन भी| जहां पर आप देसी खाना भी चख सकते हैं और फास्ट फूड भी| बच्चों के लिए वरदान बना फीनिक्स मॉल अपने तहजीब भरे माहौल में कई ब्रांड के स्टोर का कलेक्शन रखे हुए है जहां आप बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए भारी मात्रा में कलेक्शन देख पाएंगे|

मनोरंजन के बीच भीड़-भाड़ वाला माहौल देखना हो तो फीनिक्स मॉल को लखनऊ में घूमने की जगह में जरूर शामिल करें| मॉल जाने के शौकीन लोग फीनिक्स मॉल के साथ ही साथ यहाँ का लूलू मॉल भी अपनी लिस्ट में शामिल कर सकते हैं|

 14. इंदिरा गांधी तारामण्डल

बच्चों के ज्ञान और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए महत्वपूर्ण स्थान जिसे लखनऊ में घूमने की जगह में शामिल न करके विज्ञान के प्रति जागरूकता से वंचित रखना जैसा है| स्कूल पिकनिक का एक अहम हिस्सा बना यह स्थान आपको ब्रह्मांड के आश्चर्यों से जुड़ी स्क्रीनिंग के साथ ही साथ खगोलीय पिंडों की भी जानकारी देता है|

15. साइंस सिटी

विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए लखनऊ का साइंस सिटी किसी वरदान से कम नहीं जहां पर आपको टेक्नोलॉजी के माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र का ज्ञान दिया जाता है| जहां साइंस सिटी का बाहरी प्रांगण हरियाली से ओत-प्रोत है तो आंतरिक प्रांगण विज्ञान के ज्ञान से जहां पर आपके ज्ञान के लिए साइंस पार्क के साथ ही साथ मनोरंजन हेतु मछली घर तथा प्राणि उद्यान भी हैं|

विज्ञान के ज्ञान हेतु टेक्नोलॉजी के माध्यम से यहाँ होने वाला 3-D साइंस शो, बच्चों तथा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है| ऐसे मनोरंजन तथा शिक्षा के संयोजन वाले स्थान को लखनऊ में घूमने की जगह में शामिल न करना, टेक्नोलॉजी के प्रसार को रोकने जैसा है इसलिए इस स्थान को आप जरूर अपनी लखनऊ ट्रिप में शामिल करें|

16. केसर बाग पैलेस

मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण, केसर बाग का निर्माण अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने कराया था| लखनऊ की ऐतिहासिक कृतियों में से एक केसर बाग अपनी खूबसूरती से लखनऊ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर अवश्य ही खींचता है|

17. मरीन ड्राइव

मुंबई के मरीन ड्राइव से तो सभी लोग वाकिफ हैँ लेकिन आज हम बात करेंगे लखनऊ के मरीन ड्राइव के बारे में जहां के सूर्यास्त के नजारे लखनऊ की भीड़-भाड़ भरे शहर से दूर एक जन्नत के जैसे हैं| गोमती नगर में गोमती नदी के किनारे पर स्थित मरीन ड्राइव जहां शाम होते ही युवाओं और परिवारों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है| इस भीड़-भाड़ वाले शहर में आकर कुछ पल प्रकृति के बीच सुकून के बिताने का मन करे तो इस स्थान को लखनऊ में घूमने की जगह में शामिल करना न भूलें|

इसे भी पढ़ें-

लखनऊ में घूमने की जगह के साथ ही साथ आप उत्तर प्रदेश के पवित्र धार्मिक स्थलों को भी घूम सकते हैं| लखनऊ आने पर आप लखनऊ से 136 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या भी घूम सकते हैं| अयोध्या से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे लेख ‘अयोध्या में घूमने की जगह’ को अवश्य पढ़ें|

लखनऊ कैसे पहुँचें?

हवाई मार्ग द्वारा- लखनऊ में चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जहां तक आप अपने शहर से फ्लाइट के माध्यम से आसानी से आ सकते हैं| सभी प्रमुख शहरों से लखनऊ के लिए फ्लाइट उपलब्ध रहती हैं|

रेल मार्ग द्वारा- लखनऊ में कई रेलवे स्टेशन हैं| यहाँ का प्रमुख रेलवे स्टेशन चारबाग में है जहां के लिए सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन उपलब्ध रहती हैं|

सड़क मार्ग द्वारा- लखनऊ सभी प्रमुख शहरों से नेशनल हाइवे द्वारा जुड़ा हुआ है| तथा उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से यह बस के माध्यम से भी जुड़ा हुआ है| आप अपने साधन के माध्यम से भी यहाँ आ सकते हैं क्योंकि यहाँ पर सड़कें भी अच्छी हैं और गूगल मैप भी यहाँ पर अच्छा काम करता है लेकिन यहाँ का ट्रैफिक आपको थोड़ा परेशान कर सकता है|

FAQ-

प्रश्न- लखनऊ में घूमने के लिए सबसे सही टाइम क्या है?

उत्तर- लखनऊ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च का है क्योंकि इस समय न ही गर्मी होती है न बारिश| यहाँ पर गर्मी में आने पर यहाँ पर ऐतिहासिक स्थान ज्यादा होने के कारण आपको चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ सकता है|

प्रश्न- लखनऊ में घूमने की जगह कौन-कौन सी हैं?

उत्तर- जनेश्वर मिश्र पार्क, केसर बाग, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, घंटाघर, जामा मस्जिद, दिलकुशा कोठी, छतर मंजिल, डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, गोमती रिवरफ्रन्ट, मरीन ड्राइव, रेजिडेन्सी, साइंस सिटी, इंदिरा गांधी तारामंडल, फीनिक्स मॉल, लूलू मॉल, लखनऊ जू, भूल-भुलैया आदि लखनऊ के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|

प्रश्न- वाराणसी से लखनऊ कितनी दूर है?

उत्तर- वाराणसी से लखनऊ की दूरी 312 किलोमीटर है|

प्रश्न- लखनऊ से प्रयागराज की दूरी कितनी है?

उत्तर- लखनऊ से प्रयागराज की दूरी 196 किलोमीटर है|

     अपना कीमती समय देकर हमारे लेख को अंत तक पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद| आशा करते हैं हम आपको लखनऊ से जुड़ी हुई जानकारी देने में सफल हुए होंगे| अगर हमारा लेख पसंद आया हो तो कमेन्ट के माध्यम से जरूर हमें बताएं और अपने प्रियजनों के साथ भी अवश्य साझा करें| लखनऊ से जुड़ी अन्य किसी ऑफिसियल जानकारी के लिए लखनऊ जिले की ऑफिसियल वेबसाइट भी देखें|

यह भी जानें-

Deeksha Dixit

Writer & Blogger

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मेरा नाम दीक्षा दीक्षित हैं मुझे लगता हैं कि मेरा परिचय सबसे पहले मेरी बेटी से ही शुरू होना चाहिए|

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