असम में घूमने की जगह

उत्तर-पूर्व का असम राज्य भारतीय संस्कृति की झलक, प्राकृतिक सौंदर्य से सम्पन्न तथा विभिन्नता का अनूठा उदाहरण हैं,  असम में घूमने की जगह में गुवाहाटी, काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क, तेजपुर, हाफलॉंग, माजुली द्वीप, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहट, सिलचर, नगांव और मानस राष्ट्रीय उद्यान आदि स्थान प्रमुख हैं जहाँ पर समय बिता कर असम की सुन्दरता को पास से जाना जा सकता हैं|

प्रकृति, ऐतिहासिक इमारतों, वन्य जीवन, हिल स्टेशन आदि से अगर आपको प्यार हैं तो ब्रहमपुत्र का सच्चा साथी, असम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं| पूरी दुनिया में असम चाय के बागानों के लिए मशहूर हैं| असम सिल्क, मूर्तिकला तथा लकड़ी की कलाकृतियों के लिए विश्वविख्यात हैं|

बिहू नृत्य, गमुचा, भोजन के बाद तामुल पान, भोजन में कम मात्रा में मसाले और कासे के बर्तन में भोजन आदि की झलक असम में घूमने की जगहों में आपको अवश्य मिलेगी, यही असम की पहचान है| असम में मुख्य रूप से असमिया भाषा का प्रचलन है इसके अलावा बोडो और बंगाली भाषा भी बोली जाती हैं| असम में हिंदी भाषा का प्रचलन स्थानीय रूप में नहीं है परन्तु अधिकांश क्षेत्र में आसानी से लोग समझ सकते हैं|

असम की भौगोलिक स्थिति-

असम राज्य को पूर्व का द्वार  माना जाता हैं, असम उत्तर में भूटान तथा दक्षिण में बांग्लादेश, भारत के दो पड़ोसी देशों के साथ भी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता हैं| असम के पड़ोसी राज्यों में अरुणाचल प्रदेश उत्तर में, पूर्व में अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर, दक्षिण में मेघालय, मिजोरम तथा त्रिपुरा और पश्चिम में पश्चिम बंगाल की सीमा हैं| असम की राजधानी दिसपुर है|

असम का मौसम तथा घूमने का सही समय- 

असम में सामान्यतया अधिकतम औसत तापमान (27- 32 डिग्री) अगस्त-सितम्बर के माह में रहता हैं और न्यूनतम औसत तापमान जनवरी-फरवरी (11-18 डिग्री) में होता हैं|  असम में सामान्यतया आद्रता अधिक होती हैं| असम को जानने के लिए वर्ष में किसी भी समय आया जा सकता हैं परन्तु अधिक मानसून से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए सितम्बर से मार्च तक का समय असम में घूमने की जगह के लिए सबसे अच्छा समय होता हैं|

असम में घूमने की जगह और लोकप्रिय पर्यटन स्थल :

गुवाहाटी

असम का सबसे फेमस तथा विकसित शहर गुवाहाटी है, गुवाहाटी में विश्व प्रसिद्ध कामाख्या माता का मंदिर, विश्व का नदी में स्थित सबसे छोटा उमानंद द्वीप, रिवर क्रूज, नवग्रह मंदिर और नेहरु पार्क आदि स्थानों में घूम सकते हैं| उमानंद द्वीप को पीकॉक आइसलैंड के नाम से भी जाना जाता हैं, यहाँ पर भगवान शिव का मंदिर उमानंद देवालय स्थित है| कामाख्या मंदिर के बारे में तथा समय की जानकारी आप कामख्या देवालय की आधिकारिक वेवसाइट से भी प्राप्त कर सकते है| असम में घूमने की जगह की शुरुआत गुवाहाटी से ही होती है|

माजुली द्वीप

असम में घूमने की जगह में विश्व का सबसे बड़ा, नदी में बना हुआ माजुली द्वीप अपनी संस्कृति तथा अपनी कलाओं के लिए प्रसिद्ध है, ब्रम्हपुत्र नदी की गोद में बसा हुआ माजुली द्वीप मुखोटा बनाने की कला के लिए विश्व प्रसिद्ध है|

तिनसुकिया

अपर असम में स्थित तिनसुकिया  जिले में डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान, तिलिंगा मंदिर, भूपेन हजारिका सेतु तथा डिगबोई सेंचुरी संग्रहालय आदि असम में घूमने की जगह हैं| डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान में जंगली घोड़े ,वुड डक तथा 350 से अधिक देसी और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियाँ पायी जाती हैं| तिलिंगा का अर्थ असमिया भाषा में घंटी से होता हैं, भगवान शिव को समर्पित “बेल टेम्पल” में छोटे से बड़े आकार की अनगिनत घंटियाँ मंदिर तथा बरगद के व्रक्ष में मनोकामनाओ की पूर्ति हेतु बांधी जाती हैं| भूपेन हजारिका सेतु भारत का दूसरा सबसे लम्बा 9.15 किलोमीटर का पुल हैं,लोहित नदी के ऊपर बने इस ब्रिज से प्रकृति की सुन्दरता को नजदीक से निहारा जा सकता है|

तिनसुकिया से 34 किलोमीटर दूर स्थित तेल नगरी डिगबोई में स्थित असम आयल कंपनी ने 100 वर्ष पूरे होने पर असम के तेल इतिहास पर आधारित एक संग्रहालय स्थापित किया जिसमें पुराने समय में काम आने वाली मशीनों का प्रदर्शन किया गया है|   

डिब्रूगढ़

भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर जो कि पुरी, ओड़िसा के जग्न्नाथ मंदिर की याद दिलाता है, चारों ओर चाय के बागान तथा ताज़ी चाय की पत्तियों की भीनी भीनी महक निश्चय ही आपको कुछ दिन यहाँ रुकने के लिए विवश कर देगी| असम में घूमने की जगह में डिब्रूगढ़ से 47 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में तिनसुकिया जिला भी पास में है, जहाँ पर कई पर्यटन स्थान हैं|

तेजपुर

नार्थ असम में स्थित तेजपुर जिसे उसकी पौराणिक कथाओं व मान्यताओं की वजह से ‘City of blood’ के नाम से भी जाना जाता हैं| तेजपुर में आकर आप अग्निगढ़ हिल, गणेश घाट में सनसेट पॉइंट और गणेश मंदिर तथा भगवान शिव को समर्पित ऐतिहासिक महाभैरव मंदिर, इतिहास से प्रेम रखने वाले लोग बामुनी हिल्स, चित्रलेखा पार्क में जाकर आप अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं तथा इनको असम में घूमने की जगह में शामिल कर सकते है|

तेजपुर में कोलिया भोमोरा सेतु के नजदीक, उग्रशोरे आइसलैंड तथा भालुपोंग आदि जगह परिवार के साथ नदी के किनारे पिकनिक मनाने के लिए बहुत ही सुन्दर स्थान हैं| ओरांग नेशनल पार्क भी सोनितपुर जिले में आता है, जो कि वन्य जीवों से प्रेम करने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकता हैं|

शिवसागर

असम की प्राचीनता और उसकी सम्पन्नता देखने के लिए अहोम राजवंश की राजधानी शिवसागर का असम में घूमने की जगह  में अलग स्थान है| अहोम साम्राज्य के रंगघर, तलातल घर, मानव निर्मित जयसागर टैंक तथा शिवसागर डैम प्रमुख स्थानों में है| प्राचीन मंदिरों में जगदाती मंदिर भी आप शिवसागर घूमने के समय जा सकते हैं|

हाफलॉंग

हाफलॉंग, असम की खूबसूरत जगहों में से एक है| सेंट्रल असम के दिमा हसाव जिले में स्थित हाफलॉंग , असम का एकमात्र हिल स्टेशन हैं| हाफलॉंग को हरीभरी पहाडियों, खूबसूरत घाटियों तथा भव्य झीलों का प्रकृति का वरदान मिला हैं जहाँ आप पर्वतों और उनकी प्राकृतिक सुन्दरता को बहुत पास से महसूस कर सकते हैं| हाफलॉंग में हाफलॉंग हिल, हाफलॉंग झील, मायबोंग तथा जतिंगा आदि हाफलॉंग, असम में घूमने की जगह हैं| गुवाहाटी से हाफलॉंग लगभग 325 किलोमीटर तथा सिलचर से इसकी 95 किलोमीटर दूरी है|

सिलचर

दक्षिण असम में स्थित बराक घाटी का प्रमुख शहर सिलचर, गुवाहाटी से दक्षिण दिशा में लगभग 300 किलोमीटर की दूरी में स्थित है| यहाँ, असम में घूमने की जगह में श्री कंचा काँती देवी मंदिर, भुवन महादेव मंदिर, कछारी फोर्ट, मनिहरण टनल, गाँधीबाग पार्क, डोलू लेक आदि प्रमुख स्थान हैं| सिलचर शहर चाय के लिए प्रसिद्ध है|

नगाँव

असम का धान का कटोरा कहे जाने वाले नगाँव में विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क को किसी परिचय की जरुरत नहीं, यहाँ पर पूरे विश्व से पर्यटक आते हैं, 1985 से विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित काजीरंगा नेशनल पार्क एक सींग वाले गेंडा, जंगली पानी वाली भैंस तथा भारतीय हाथी आदि प्रमुख जानवरों के लिए जाना जाता है| इसके अलावा यहाँ ओर्चिड पार्क, जीप सफारी, एलीफैंट सफारी तथा बैम्बू गार्डन का भी आनंद लिया जा सकता है| असम से गुवाहाटी की 121 किलोमीटर की दूरी नेशनल हाईवे 27 से पूरी की जा सकती है|

नगाँव में स्थित महा मृत्युन्जय मंदिर,126 फुट ऊंचाई का बना विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग हैं, जो कि रक्षा मंत्री अमित शाह के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के बाद 26 फरवरी 2021 से भक्तों के लिए खोला गया, असम में घूमने की जगह में से एक है|  

मानस राष्ट्रीय उद्यान

1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत में शामिल मानस नेशनल पार्क, वन्य जीवन से प्रेम रखने वालो के लिए असम में घूमने की जगह में स्वर्ग जैसा है| गुवाहाटी से उत्तर दिशा में लगभग 135 किलोमीटर दूर, मानस नेशनल पार्क, भूटान तक फैला हुआ है जो कि रॉयल मानस नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है|

मानस नेशनल पार्क टाइगर (बाघ) संरक्षित स्थानों में से एक है, मानस राष्ट्रीय उद्यान भारतीय हाथी, एक सींगवाले गेंडे, बारहसींगा, गोल्डेन लंगूर, पैगी हॉग, एशियाई जल भैंस तथा सांभर हिरन आदि के लिए प्रसिद्ध है| मानस नेशनल पार्क का नाम मानस नदी पर रखा गया है जो कि मानस नेशनल पार्क के मध्य से गुजरती है तथा ब्रम्हपुत्र की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है|

असम के बारे में रोचक तथ्य-

  • 1985 में यूनेस्को द्वारा काजीरंगा और मानस राष्ट्रीय उद्यान को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया, जो कि दोनों ही असम में आते हैं|
  • गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज विश्व का सबसे बड़ा, नदी में बना द्वीप माजुली जो की असम में स्थित है, जो की जोरहट से 20 किलोमीटर की दूरी में स्थित है, अगर असम की संस्कृति को जानना हो तो माजुली को अवश्य अपने असम में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|
  • विश्व का सबसे छोटा, नदी में बना द्वीप का विश्व रिकॉर्ड भी असम के उमानंद द्वीप के पास है, जो गुवाहाटी में स्थित है, इसे पीकॉक आइसलैंड के नाम से भी जाना जाता है|
  • भारत का दूसरा सबसे लम्बा, लोहित नदी में बना ढोला-सदिया पुल जिसकी लम्बाई 9.15 किलोमीटर है, जो की असम के तिनसुकिया जिले में बना हुआ है| जो भूपेन हजारिका ब्रिज के नाम से जाना जाता है|
  • गुवाहाटी शहर को गेटवे ऑफ़ नार्थ ईस्ट भी कहा जाता है, नार्थ ईस्ट के सभी राज्यों के लिए इस प्रमुख शहर से साधन उपलब्ध हैं|
  • असम में सबसे अधिक राज करने वाले अहोम राजवंश के शासक हैं, जिन्होंने 1228 से 1826 ईसवी तक लगभग 598 साल एकक्षत्र शासन किया| असम में घूमने की जगह में अगर आप शिवसागर को शामिल करते है तो आप अहोम राजवंश से जुड़े काफी स्मारक देख सकते है|
  • गुवाहाटी से लगभग 325 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित दीमा हसाओ जिले में जतिंगा एक रहस्यमयी गाँव है जो कि देशी तथा प्रवासी पक्षियों के सुसाइड पॉइंट के रूप में जाना जाता है, निवासियों के अनुसार यहाँ प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पक्षी सुसाइड करते हैं, असम में घूमने की जगह अगर पर्वतीय क्षेत्र हो तो खूबसूरत जतिंगा गाँव अवश्य घूमना चाहिए|
  • असम भारत का सबसे ज्यादा चाय उत्पादक राज्य है, ‘टि कैपिटल ऑफ़ इंडिया’ के नाम से मशहूर असम लगभग सालाना 630 से 700 मिलियन किलोग्राम का उत्पादन करता है, जो कि भारत के कुल उत्पादन का आधा है| भारत चाय उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर आता है|
  • लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ द्वारा लिखित “ओ मुर अपुनार देख” को 1927 ईसवी में तेजपुर में असम छात्र सम्मेलन के समय इसे अधिकारिक रूप से असम के राज्य गीत के रूप में अपनाया गया, यह भारत का एकमात्र राज्यगीत है|
  • भारतीय गेंडा जिन्हें एक सींग वाला गेंडा भी कहा जाता हैं, पूरे विश्व की दो तिहाई आबादी सिर्फ असम में पायी जाती है| एक आंकड़े के अनुसार विश्व भर के लगभग 4000 गेंडे में से 2885 से अधिक गेंडे असम में पाए जाते हैं|
  • असम का मुगा रेशम विश्व प्रसिद्ध है, इसे गोल्डन सिल्क या असम सिल्क के नाम से भी जाना जाता है, असम मुगा सिल्क का सबसे बड़ा उत्पादक है, यह मजबूती तथा प्राकृतिक सुनहरे रंग के कारण प्रसिद्ध है|
  • ढेकियाखोवा बोनर्मघर, जो की जोरहाट में स्थित है, यहाँ पर 1528 ईसवी से 484 वर्षो तक अनवरत ज्वाला जलती रही जिसका शुभारंभ वैष्णव पंथ के संत माधवदेव जी ने किया था, जो श्रीमंत शंकरदेव के प्रमुख शिष्यों में से एक थे|  

असम का प्रसिद्ध त्यौहार: बिहू

वर्ष में तीन बार मनाया जाने वाला असम का विश्व प्रसिद्ध बिहू त्योहार जो कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार बैसाख, कार्तिक और माघ माह में धूमधाम से मनाया जाता है, असमिया समाज मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर होने के कारण यह फसल चक्र को भी दर्शाता है| विभिन्न जाति, धर्म के बीच मनाया जाने वाला यह धर्मनिरपेक्ष त्यौहार मानवता, शांति और सद्भावना की मिसाल है|

  • साल का पहला बिहू, जनवरी महीने में जिसे भोगाली या माघ बिहू भी कहते हैं|
  • दूसरा बोहाग बिहू, जिसे रोंगाली या हतबिहू के नाम से भी जाना जाता है, यह बिहू अन्य सभी बिहू से अपेक्षाकृत अधिक धूमधाम से मनाया जाता है यह हिन्दू नववर्ष की शुरुआत के समय अप्रैल माह में संपन्न होता है|
  • तीसरा बिहू , जो कि कंगाली या काली बिहू कहलाता है ,अक्टूबर माह में मनाया जाता है|  

असम कैसे पहुंचें?

  • हवाई मार्ग द्वारा-  असम के गुवाहाटी में प्रसिद्ध लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा स्थित है, जहाँ से सामान्यतया सभी स्थानों के लिए उडान उपलब्ध हैं, इसके अतिरिक्त डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट, जोरहाट एयरपोर्ट, लीलाबारी एयरपोर्ट, सिलचर एयरपोर्ट तथा तेजपुर हवाईअड्डा से कुछ प्रमुख घरेलू स्थानों के लिए उड़ान उपलब्ध हैं|
  • रेलमार्ग के द्वारा-  असम का गुवाहाटी एक प्रमुख शहर हैं जहाँ से देश के किसी कोने में आसानी से जाया जा सकता है, इसके अतिरिक्त डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, सिलचर, कोकराझार, रंगिया आदि शहरों के स्टेशन से आसानी से प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन द्वारा यात्रा की जा सकती है|
  • सड़क मार्ग द्वारा-  असम के लगभग सभी जिले नेशनल हाईवे से जुड़ें हैं, असम में कुल 39 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनमें सबसे लम्बा NH-13,1150 किलोमीटर लम्बा है जो कि तवांग, अरुणाचल प्रदेश को  अरुणाचल प्रदेश के दूसरे छोर पासीघाट से जोड़ता हैं जिसके मध्य में असम राज्य आता है| असम में लगभग  3900.438 किलोमीटर नेशनल हाईवे का जाल फैला हुआ है|

असम में रुकने का स्थान-

असम में घूमने की जगह में गुवाहटी शहर रुकने के लिए सबसे बेहतरीन स्थान हो सकता है, यहाँ पर पलटन बाजार में काफी अच्छे होटल तथा बस स्टैंड से सभी स्थानों के लिए बस उपलब्ध हैं, असम में डिब्रूगढ़, सोनितपुर, सिलचर, हाफलोंग आदि प्रमुख शहर रुकने के लिए उत्तम स्थान हैं| कई शहरों पर असम सरकार के प्रसांति टूरिस्ट लॉज भी हैं, जो रुकने के लिए श्रेष्ठ स्थान हैं|

FAQ-

प्रश्न- असम किन किन चीजों के लिए प्रसिद्ध है?

उत्तर- असम अपने उन्नत चाय बागानों, मुगा सिल्क तथा एक सींग वाले गेंडे के लिए विश्वविख्यात है|

प्रश्न- तिलिंगा का क्या अर्थ है?

उत्तर-असमिया भाषा में तिलिंगा का तात्पर्य घंटी से है| तिलिंगा मंदिर, असम के तिनसुकिया जिले में स्थित है, असम में घूमने की जगह में अगर आप तिनसुकिया जाये तो तिलिंगा मंदिर अवश्य जाना चाहिए|

प्रश्न- असम का राज्यगीत क्या है?

उत्तर- “ओ मुर अपुनार देख” असम का राज्यगीत है, जो कि लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ द्वारा लिखित है|

प्रश्न- असम में बिहू कब-कब मनाया जाता है?

उत्तर- असम का प्रमुख त्यौहार बिहू वर्ष में तीन बार फसल चक्र के अनुसार मनाया जाता है, जनवरी में भोगाली बिहू, दूसरा सर्वाधिक धूमधाम से मनाया जाने वाला बोहाग बिहू अप्रैल माह में तथा तीसरा बिहू जिसे कंगाली बिहू या काली बिहू कहते हैं, अक्टूबर माह में मनाया जाता है, इस समय असम में घूमने की जगह जाने पर आसानी से आपको बिहू नृत्य भी देखने को मिल सकता है|

प्रश्न- गमुचा क्या है?

उत्तर- असमिया संस्कृति की पहचान गमुचा, जो कि सूती कपड़ा का बना एक गमछा होता हैं, जिसमे लाल या महरून रंग की धारियों से डिजाइन बनी होती हैं, यह किसी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उसको भेट किया जाता है| असम में गमुचा एक पारंपरिक पहनावा है|

प्रश्न- असम में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?

उत्तर-कामख्या मंदिर प्रमुख शक्ति पीठ में से एक, वन्य जीवों से प्रेम रखने वालो के लिए काजीरंगा नेशनल पार्क, असम को गहराई से जानने के लिए माजुली द्वीप, पुराने स्मारकों और असम के इतिहास को जानने के लिए शिवसागर, असम के एकमात्र पर्वतीय क्षेत्र हाँफलोंग तथा असम का सबसे प्रमुख नगर गुवाहाटी आदि प्रमुख असम में घूमने की जगह हैं|

“असम में घूमने की जगह” आर्टिकल को हमनें पूरी कोशिश की हैं कि इसको सरलतम भाषा में रखते हुए कम शब्दों में अधिक से अधिक जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत की जाये जिससे आपका ब्रह्मपुत्र के सच्चे साथी असम के प्रति ज्ञानवर्धन हो सके तथा आप असम में घूमने की जगह को विस्तारपूर्वक जान सके|

त्रुटि होना एक मानव का स्वाभाविक गुण है, हमारे द्वारा की गयी गलती में सुधार तथा आपके आने वाले सुझावों का सदैव दिल से इंतजार है जो कि ‘असम में घूमने की जगह’ लेख को और बेहतर बना सके तथा आप लोगों की जिज्ञासा को शांत कर सके|

इसे भी पढ़े- मेघालय में घूमने की जगह

Deeksha Dixit

Writer & Blogger

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मेरा नाम दीक्षा दीक्षित हैं मुझे लगता हैं कि मेरा परिचय सबसे पहले मेरी बेटी से ही शुरू होना चाहिए|

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